कई सपने टूट जाते है,
कई ख्वाब भिखर जाते है।
एक बार ना करके देखिये,
आपके अपने आपसे रूठ जाते है।
कमियाँ दिखाई जाती है,
बाते सुनाई जाती है।
जिन कमियों को कभी नजरअंदाज किया,
आज उनकी भी गिनती कराई जाती है।
समय का ऐसा भाव आ रहा है,
हर किसी मे बदलाव नजर आ रहा है।
कुछ नजरे चुरा रहे है,
कुछ नजरो से ही सीखा रहे है।
हर चीज का दाम लगाया जा रहा है,
और बिन मांगे चुकाया जा रहा है।
कुछ शब्दो से ऐसा बदलाव आया ,
जो खड़े थे साथ हमेशा, उनको भी जाते मैंने पाया।
में जैसी हू , वैसी कल मिलूंगी, लोग चले जाएंगे।
मेरे भाव फिर मेरी कलम से ,पंक्तियों मे बाहर आएँगे।
रुस्वा नहीं हू किसी से, खुद से शिकायत है।
मेरे अपनों ने दी मुझे कुछ ऐसी हिदायत है।
By- J.K
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