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Ehad| Dear Diary

21  मे भी 20  की  कहानी चल रही है,

ज़िन्दगी की रफ़्तार फिर वही है। 

साल बदला है, शोर हर कही है,

हालातो से लड़ने का सब मे जोर नहीं है।


              कई अपने छोड़ गए, कुछ मुख मोड़ गए,

              बदलते वक्त के साथ, कई रिश्ते तोड़ गए। 

              जिन रिश्तो की खातिर, सारी उम्र लगा दी,

              आखरी वक्त मे, आगे आने से उन्होंने भी ना की।


फिर भी न जाने कैसे, मोह से बंधा है इंसान, 

अपनों की खातिर, हर समय इक दौड़ मे है परेशान।
 
कर लो  प्रीत उस खुदा से, जो हमेशा साथ रहता है,

थामे रहेगा जीवन भर, ऐसा वचन कहता है।
   


By - J.K

Ehad| Dear Diary Ehad| Dear Diary Reviewed by Jyoti on May 16, 2021 Rating: 5

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