बाहर दुनिया का शोर है ,
अंदर विचारो का जोर है |
आजकल समझने का कम,
समझाने का दौर है |
हर बात पर चुप कराया जाता है |
विचार रखो कहकर ,
कुछ शब्दो के बाद पूर्ण विराम लगाया जाता है |
हर किसी की ज़रूरत अलग है जानती हूँ मै,
मगर सबके मन की बात नहीं पहचानती हूँ मै |
कोशिश करती हूँ सबको साथ लेकर चलने की,
खुदा की दिखाई राह मै आगे बढ़ने की |
भूलती नहीं हूँ उनको जो साथ खडे है हमेशा,
शुक्रगुजार हूँ उनकी, जिनके शब्दों से गिरते सँभलते मैंने खुद को देखा
और जिनकी डाँट से मैंने आगे बढ़ना सीखा |
By - J.K
आज का समय| Dear Diary
Reviewed by Jyoti
on
April 01, 2021
Rating:
Very nice
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