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यादें (Yaadein)|Dear Diary

 यादो का सैलाब उमड़ रहा है,
अंदर ही अंदर दिल रो रहा है।
लहरों की तरह पल - पल याद आ रहे है,
हर पल के साथ, मन में सवाल आ रहे है।

 
क्या है अपना जिससे दिल लगाए ?
समय के साथ हर किसी में बदलाव हो रहा है।
हर चीज़ की कीमत होती है, आज एहसास हो रहा है,
ख्वाईशो से कुछ नहीं होता, समय बलवान है, आज आभास हो रहा है। 

 

चेहरे पर मुस्कान बरकरार है,

दिल में थोड़ा सा दर्द और आँखों में आंसुओ की धार है।
आज एहसास हुआ घर की कीमत क्या होती है।
खुशनसीब होते है वह, जिनके सर पर छत होती है,


 

समय गुज़र जायेगा, यादें धुंधली हो जाएँगी,
मेरे अल्फ़ाज़ फिर पन्नो में कैद हो जाएंगे।

 

By- J.K

यादें (Yaadein)|Dear Diary यादें (Yaadein)|Dear Diary Reviewed by SunLight Poems and Arts on October 23, 2020 Rating: 5

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