banner image
banner image

लड़की (Ladki)|Dear Diary

ना जाने क्यों आज भी एक लड़की होना गुनाह है,
किसी को भी उसकी ना परवाह है |
कहीं न कहीं बैठी है वो नम आँखों को लेकर,
उन नम आँखों में भी तो जीने की चाह है |

आज भी उसे कुछ नहीं समझा जाता है,
इसलिए तो कहीं दहेज़ कहीं पैरो तले रोंदा जाता है |
बैठी है इस आस में के कभी न कभी उसे अधिकार मिलेगा,
नासमझ जानती नहीं, आनेवाला जीवन भी उधार मिलेगा |















कोई नहीं समझता उसका दर्द, कब होगी उसकी कद्र ?
यू ही चलता रहा तो इक दिन उसका अस्तित्व ही मिट जायेगा,
फिर समाज में पुरुषो का राज ही रह जायेगा |

लड़की पैसे मांगे तो क्यों ? लड़के के लिए फिर एक्स्ट्रा, ऐसा क्यों !
कभी न कभी तो ये भेद मिट जायेगा,
फिर समाज में समानता का अधिकार आएगा |







By : J.K



लड़की (Ladki)|Dear Diary लड़की (Ladki)|Dear Diary Reviewed by Jyoti on July 03, 2020 Rating: 5

12 comments:

Powered by Blogger.