समय उत्तम शिक्षक है, यह मैंने सीखा है,
हर रिश्ते की डोरी को उलझते - सुलझते आगे बढ़ते देखा है।
समय बलवान है, यह सुना था मैंने,
आज उसके आगाज़ में सबको बदलते देखता है।
रुकता नहीं जीवन किसी के आने जाने से,
उलझे हुओ को भी मैंने धीरे - धीरे बढ़ते देखा है।
खुद को दुनिया की भीड़ में गुम होते, और खुद को ही तलाशते,
कुछ समय मेरा भी बीता है।
लोग कहते है तुम बोलती नहीं, मगर मैंने! कलम से शब्दों को पिरोना सीखा है।
समय उत्तम शिक्षक है, यह मैंने सीखा है ।
By : JK
सीख (Sikh)|Dear Diary
Reviewed by SunLight Poems and Arts
on
September 10, 2020
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Tum ruko mat jhuko mat tum bdhte huye chalo .....Bhaut ache likhe ho dear
ReplyDeleteThank you SD
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